आपको हम बात दें कि सपा सुप्रीमो ने कुछ समय पहले भी रामगोपाल को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया था। इस पर मुलायम ने कहा कि उसके बाद रामगोपाल ने माफी मांग ली थी और अपनी गलती स्वीकार कर ली थी। इसलिए उनको माफ कर दिया था, लेकिन अब पार्टी में वापस आने के बाद रामगोपाल ने सीधा मुझ पर हमला किया है। इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसलिए रामगोपाल को पार्टी से निकाला जाता है।
उन्होंने आगे कहा, रामगोपाल ने मुझे बिना बताए पार्टी का अधिवेशन बुलाने का फैसला लिया। जबकि इस तरह का फैसला लेने का अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को है। उन्होंने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि मैं भी मुख्यमंत्री रहा लेकिन कभी इस तरह का मामला कभी नहीं रहा। मेरे समय में ऐसी कोई बात नहीं रही। रामगोपाल ने अखिलेश का भविष्य खराब किया। अखिलेश को भी अनुशासनहीनता की वजह से छह साल के लिए पार्टी से निकाला जाता है।
इसके साथ ही रामगोपाल के पार्टी सम्मेलन को असंवैधानिक करार देते हुए मुलायम सिंह ने सपा कार्यकर्ताओं से उस सम्मेलन में भाग नहीं लेने की अपील की। उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि आगामी चुनाव में सपा की तरफ से मुख्यमंत्री कौन होगा, यह हम तय करेंगे। साथ ही यह भी कहा कि यदि अखिलेश अपना भविष्य खुद खराब करने पर तुले हैं तो उसमें कोई क्या कर सकता है। मेरा लक्ष्य पार्टी को बचाना है, इसलिए यह कार्रवाई की।