लेकिन हर किसी को इसका अंदाज़ा था कि पार्टी की कमान शशिकला के हाथों में ही होगी।
वैसे जयललिता ने कभी भी अपने उत्तराधिकारी के तौर पर किसी के नाम की घोषणा नहीं की थी।
ओ पनीरसेल्वम पार्टी के अंदर अकेले ऐसे शख़्स थे जिनके अंदर सरकार चलाने की क्षमता थी।
जब संपत्ति से अधिक आय रखने के आरोप के कारण जयललिता को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी तब पनीरसेल्वम ने ही सरकार की बागडोर संभाली थी।
ऑब्जर्बर रिसर्च फाउंडेशन के चेन्नई के डायरेक्टर एन सत्यमूर्ति ने बीबीसी से कहा,”जयललिता के जाने के बाद पार्टी के अंदर एक बड़ा खालीपन आ गया था। किसी ऐसे इंसान की ज़रूरत थी जो पार्टी को संगठित कर सके और इसे एक एकजुट रख सके। पार्टी को इस खालीपन का अहसास था। कम से कम शशिकला इसे एक हद तक भर सकती है।”