नोटबंदी ने मानो शादी पर जैसे लगाम सी लगा दी हो। जहां आम आदमी अपने घर की शादी के लिए बैंको के बाहर खड़ा है, ताकि शादी के लिए कुछ पैसे निकाल सके। वहीं दूसरी और हाल ही में कर्नाटक के खनन कारोबारी और पूर्व बीजेपी मंत्री गली जर्नादन रेड्डी की बेटी शादी खासी चर्चा में रही थी। उस आलीशान शादी पर 500 करोड़ रुपए के खर्च की रिपोर्ट्स सामने आई थीं। महलों की प्रतिकृति बनाने से लेकर नॉन-वीआईपी के लिए 50 आइटम मेन्यू और वीआईपी के लिए 100 तरह के लजीज व्यंजनों के इंतजाम ने देश भर की मीडिया का ध्यान खींचा था।
नोटबंदी से परेशान जनता के बीच, ऐसी आलीशान शादी की तस्वीरें सामने आने के बाद खासा विवाद भी हुआ था। हालांकि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक कारोबारी ने अपनी बेटी की शादी में कुछ ऐसा किया है, जो संपत्ति के भौंडे प्रदर्शन से ठीक उलट है। मनोज मनोट नाम के कारोबारी ने बेटी की शादी में बेघर गरीबों को 90 घर तोहफे में दिए।
एएनआई के मुताबिक, मनोज ने अपनी बेटी की शादी पर भारी रकम खर्च करने की बजाय यह कदम एक युवा बीजेपी विधायक प्रशांत बांब से प्रेरणा पाकर उठाया। मनोट ने शादी पर 70-80 लाख रुपए का खर्च करने की योजना बनाई थी, मगर बाद में उन्होंने रकम का इस्तेमाल बेहतर काम के लिए करने का फैसला किया।