दिल्ली के इमामों ने इस्लाम में तीन तलाक की व्यवस्था को सही ठहराया

0
तीन तलाक
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई इमामों ने आज कहा कि तीन तलाक की व्यवस्था जायज है, लेकिन इसका दुरूपयोग नहीं होने देना चाहिए क्योंकि इससे सरकार को इस प्रथा को ‘निशाना बनाने’ का मौका मिल जाएगा।
इन इमामों ने यहां एक सम्मेलन में एकसाथ तीन तलाक पर केंद्र सरकार के रूख और समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की प्रश्नावली का एकसुर में विरोध किया। सम्मेलन में करीब 500 इमामों ने शिरकत की।

इसे भी पढ़िए :  पार्रिकर अपने बयान से पलटे, कहा: गोवा को पूर्ण रूप से कैशलेश बनाना संभव नहीं

इस सम्मेलन के आयोजक और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मुफ्ती एजाज अरशद कासमी ने कहा, ‘‘हमने तीन तलाक के दुरूपयोग से जुड़ी शिकायतों के मुद्दे को हल करने का फैसला किया। तीन तलाक जायज है। परंतु इसका दुरूपयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर सरकार को इस प्रथा पर हमला करने का मौका मिल जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बारे में जागरूकता फैलाने का फैसला किया है और अदालत में सरकार के रूख का जवाब देने के लिए रणनीति पर चर्चा की।’’ इस सम्मेलन में पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी भी मौजूद थे।

इसे भी पढ़िए :  तसलीमा नसरीन बोलीं, भारत में तत्काल ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने की जरूरत

विधि आयोग ने सात अक्तूबर को समान नागरिक संहिता और तीन तलाक को लेकर लोगों की राय मांगते हुए एक प्रश्नावली सामने रखी। उसी दिन केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की प्रथा का विरोध किया।

इसे भी पढ़िए :  18 साल की हिंदू लड़की मुस्लिम बच्चों को पढ़ा रही कुरान

ऑल इंडिया इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और देश के कुछ दूसरे प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने बीते 13 अक्तूबर को इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा और विधि आयोग की प्रश्नावली का बहिष्कार करने का फैसला किया।

आगे देखिए तीन तलाक कैसे असंवैधानिक है

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse