नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने गुरुवार(8 सितंबर) को कहा कि उसके 21 विधायकों की संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति को रद्द करने संबंधी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग अब लाभ के पद के मामले को हटा सकता है।
आप नेताओं ने कहा कि यह फैसला हाई कोर्ट के पहले के निर्णय के क्रम में आया है, जिसमें उप राज्यपाल को शहर का प्रशासनिक प्रमुख बताया गया था। मालूम हो कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि यह नियुक्ति उप राज्यपाल की संतुति के बगैर की गई है।
आप की दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला चार अगस्त के उसके निर्णय के क्रम में आया है। संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है, ऐसे में उनको अयोग्य ठहराने का कोई सवाल नहीं पैदा होता।
जबकि इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिका दायर करने वाले वकील प्रशांत पटेल ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश का चुनाव आयोग से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि दोनों मामले अलग अलग हैं।