झारखंड के एक नक्सल प्रभावित गांव में पहली बार बिजली पहुंचने के कारण ‘सही मायने’ में इस साल दिवाली मनायी गई है।
नई दिल्ली से करीब 1,400 किलोमीटर और झारखंड की राजधानी रांची से 175 किलोमीटर दूर स्थित गारू गांव लातेहार जिले में आता है जो राज्य में सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल है।
गारू गांव के प्रधान शिव शंकर सिंह ने बताया, ‘हम लंबे समय से बिजली की प्रतीक्षा कर रहे थे। सरकार के प्रतिनिधि हमें लंबे समय से बिजली मुहैया कराने का आश्वासन दे रहे थे लेकिन हमें बिजली इस साल मिली।’
भाषा की खबर के अनुसार, ग्राम परिषद के एक सदस्य सुखदेव ओरांव ने बताया, ‘यहां पर बिजली आने के बाद हमें डीजल खरीदने की जरूरत नहीं रह गयी है। ऐसे में खेती में सुधार हो रहा है। हालांकि वोल्टेज कम है लेकिन लोग इस कदम से खुश हैं।’ गारू गांव में विकास की योजनाओं को लेकर लंबी उपेक्षा रही है क्योंकि हमला कर नक्सली यहां पर कोई काम नहीं होने देते।
सीआरपीएफ की 112 बटालियन के कमांडेन्ट रमेश कुमार ने बताया, ‘नक्सली इलाके में किसी भी तरह के विकास कार्य का विरोध करते हैं जिसके कारण कोई निजी बिल्डर ठेका लेने के लिए तैयार नहीं होता है। ऐसा तभी हो सका जब सीआरपीएफ से सुरक्षा और संरक्षा का आश्वासन मिला और उन्होंने सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया।’ इस इलाके में अन्य विकास कार्य भी शुरू हुए हैं।