नई दिल्ली। कश्मीर में अलगाववादियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान को खारिज कर दिया कि विकास से समाधान निकल सकता है। इस बीच रविवार(6 नवंबर) को घाटी में जारी अशांति के संबंध में भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए मंगलवार को सभी पक्षों की संयुक्त बैठक बुलाई है।
अलगाववादियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि ‘‘चल रहे आंदोलन को आगे ले जाने के लिए सभी पक्षों को विश्वास में लेने का आह्वान किया गया है। कारोबारी, शिक्षाविद, ट्रांसपोर्टर, सिविल सोसायटी के सदस्य, धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक संस्थान, बार संघों और अन्य सभी वर्गों के लोगों के संगठनों को मंगलवार, 8 नवंबर को बुलाया गया है, ताकि संयुक्त रूप से भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा और विचार-विमर्श कर सकें।’’
हुर्रियत के दोनों धड़ों के अध्यक्षों- सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारक और जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक की यहां हैदरपुरा में गिलानी के आवास पर बैठक के बाद विचार-विमर्श के लिए सभी पक्षों को आमंत्रित करने का फैसला किया गया है।
बयान के मुताबिक, अलगाववादी नेताओं ने प्रधानमंत्री के बयान को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि विकास कश्मीर की समस्या की आधारशिला है।