आम आदमी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पंजाब में पार्टी,नेताओं के सिर फुटव्वल से जूझ ही रही थी कि एलजी नजीब जंग ने दिल्ली के दो अधिकारियों के तबादले करके पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी। इसी बीच केजरीवाल की तबियत फिर खराब हो गई है। पुरानी खांसी ने उन्हे फिर से धर दबोचा है, खांची के इलाज के लिए केजरीवाल ने एक बार फ़िर से बेंगलुरू का रूख किया है।खांसी और कफ का इलाज राजधानी दिल्ली से बाहर कराने को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है। वे आरोप लगा रहे हैं कि केजरीवाल सरकारी काम से पीछा छुड़ाने के लिए कभी चुनावी दौरे के बहाने से बाहर रहते हैं तो कभी योग के नाम पर।
इंडिया संवाद वेबसाइट की खबर के मुताबिक केजरीवाल बेंगलुरू में नारायण हेल्थ सिटी मजूमदार शॉ मेडिकल सेंटर में खांसी-कफ का इलाज कराने गए हैं। इससे पहले दस दिन के लिए धर्मशाला मेडिटेशन सेंटर गए थे। तब पूरी तरह दस दिन सक्रिय राजनीति से दूर रहे। धर्मशाला में उनके साथ कोई स्टाफ नहीं था, सिवाय करीबी दुर्गेश पाठक के। आम साधक की तरह दस दिन वहां उन्होंने जिंदगी व्यतीत की थी। बता दें कि इससे पहले 2016 में खांसी और ब्लड शुगर के इलाज के लिए बेंगलुरू के जिंदल नेचर केयर इंस्टीट्यूट गए थे।
केजरीवाल इधर बीच पंजाब और दिल्ली चुनाव में उलझे हुए हैं। जबकि दस दिन धर्मशाला विपश्यना के लिए गए। अब सितंबर के पहले हफ्ते में वे वेटिकन सिटी में मदर टेरेसा को संत की उपाधि वाले प्रोग्राम में जा रहे हैं। इससे पता चलता है कि हाल में केजरीवाल दिल्ली के सरकारी काम के लिए कम समय निकाल पा रहे हैं। विपश्यना के लिए जब केजरीवाल रवाना हुए थे तभी से भाजपा के दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता पर उनसे दायित्वों से भागने का आरोप लगा चुके हैं।