नीतीश सरकार ने बिहार में बंद की थी शराब
दूसरे राज्यों की ही तरह नियमों के तहत ही बिहार के लोग भी शराब पी सकेंगे। देश के दूसरे राज्यों से शराब लाकर पीना जुर्म नहीं माना जाएगा। सरकार को शराब विक्रेताओं के लाइसेंस फिर से बहाल करने होंगे। बिहार में शराब पीना हुआ था अपराध बिहार में सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल के पहले सप्ताह में बिहार में शराबबंदी की बात की थी। 6 अप्रैल 2016 को प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश कुमार ने इस बात की घोषणा की थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया था कि बिहार में आज से तत्काल प्रभाव से विदेशी शराब की खरीद और बिक्री पर पाबंदी कर दी गई है। मालूम हो कि देशी शराब की खरीद और बिक्री पर पहले ही पाबंदी लगा दी गई थी। इस फैसले के बाद से बिहार में किसी भी तरह की शराब की बिक्री पूर्णत बंद हो गई थी।
नीतीश कुमार ने कहा था कि शराब पीने, बेचने और व्यापार करने पर पाबंदी लगा दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से कोई भी होटल और बार में शराब नहीं परोसी जाएगी और ना ही किसी को लाइसेंस दिया जाएगा। गौर हो कि इस फैसले के बाद बिहार अब देश का चौथा राज्य हो गया है कि जहां शराब बेचना और खरीदना पूरी तरह से बंद है। गुजरात, नागालैंड और मिजोरम में इस तरह का कानून पहले से ही लागू है।