प्राइवेट अस्पतालों ने डिलिवरी के लिए गैर-जरूरी सी-सेक्शन पर लगाम लगाने के लिए मुंबई में ऑनलाइन मुहिम शुरू की है। जिसमें अब तक 91,000 से भी ज्यादा मुंबइकरों ने अपना समर्थन दिया है। एनजीओ बर्थ इंडिया प्राइवेट अस्पतालों में डिलिवरी के लिए होने वाले सभी सी-सेक्शन प्रसवों के आंकड़ों को सार्वजनिक करने के लिए ऑनलाइन समर्थन हासिल कर रहा है। संस्था इसके आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को भेजेगी। उनसे सिजेरियन को कम करने के लिए उचित कदम उठाने का अनुरोध किया जाएगा।
बर्थ इंडिया की सदस्य सुवर्ना घोष ने बताया,”‘सी-सेक्शन प्रसव बढ़ रहे हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल ज्यादा कमाई के लिए सामान्य डिलिवरी से कतराते हैं। इस पर नियंत्रण की जरूरत है। लोगों को सिजेरियन से होने वाले नुकसान और गर्भवती महिलाओं को डिलिवरी के दौरान उनके अधिकार के बारे में जागरूक करने के लिए 2 से 5 फरवरी के बीच टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।” अच्छी पहल जे.जे. हॉस्पिटल के प्रसूति विभाग की अध्यक्ष
डॉ. रेखा डावर कहा, “प्राइवेट अस्पतालों लोगों को इतना डरा देते हैं कि वे नॉर्मल डिलिवरी के बारे में सोच भी नहीं पाते। सिजेरियन डिलिवरी आए दिन बढ़ रही हैं। एक बार सिजेरियन के बाद हर बार सिजेरियन करना होता है। यह महंगा तो होता ही है, इससे जच्चा और बच्चा को खतरा भी हो सकता है। हर अस्पताल को सिजेरियन का आंकड़ा सार्वजनिक करना चाहिए।”
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