लेखक और विकलांग कार्यकर्ता सलिल चतुर्वेदी विनम्र व्यक्तियों में से एक हैं वो बच्चों के पसंदीदा टेलीविजन कार्यक्रम ‘गली गली सिम सिम’ के मूल कलाकारों का हिस्सा था। उन्होने विशेष रूप से अंधे व्यक्तियों के लिए पहली कोंकणी ऑडियोबुक बनाई थी। लेकिन नए भारत के इस बदलते माहौल में उन्हे कुछ देशभक्त लोगों द्वारा मुश्किल का सामना करना पड़ा।
दरअसल सलिल चतुर्वेदी रजनीकांत की फिल्म कबाली देखने के लिए पणजी के मल्टीप्लेक्स में गए थे। फिल्म शुरू होने से पहले जैसे ही राष्ट्रगान बजा एक देशभक्त जोड़ा खड़ा हो गया और जन-गण-मण गाने लगा लेकिन सलिल अपनी विकलागंता की वजह से खड़ा नही हो सका इस बात पर उस जोड़े ने सलिल के साथ बदसलूकी की और मारपीट की।
टाईम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, पणजी के मल्टीप्लेक्स हॉल व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं की पहुंच से बाहर बने हुए हैं, लेकिन ये शांतिपूर्ण कवि जब रजनीकांत की फिल्म देखने के लिए गए वहां उन्हे राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़े ना होने पर बुरे हमले का सामना करना पड़ा फिल्म के दौरान राष्ट्रगान बजने पर दो पति-पत्नी खड़े हो गए लेकिन रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण और विकलांगता की वजह से सलिल उनके साथ खड़े नहीं हो सके इस बात बात पर उस व्यक्ति ने सलिल को धक्का दिया और उसकी पत्नी चिल्लाई ये आदमी उठ क्यों नहीं सकता।”

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