वित्त मंत्रालय रोज जिस तरह से नियम-कायदे बदल रहा है, उससे साबित होता है कि नोटबंदी के बाद की स्थिति से निपटने के लिए आधी अधूरी तैयारी की गई थी। मालूम हो कि नोटबंदी को लेकर सपा बहुत सधे हुए कदम उठा रही है और इसे किसानों, व्यापारियों और आम जनता की परेशानियों से जोड़कर मीडिया से लेकर संसद तक सरगर्म कर रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करके नोटबंदी की वजह से लोगों को हो रही परेशानियों से अवगत कराया था।
नोटबंदी के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखने वाले मुख्यमंत्री बड़े करंसी नोटों का चलन बंद किए जाने के मामले को अपने लगभग हर कार्यक्रम में उठा रहे हैं और इस कदम के लिए केंद्र सरकार द्वारा बताई जा रही मंशा को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। अखिलेश का कहना है कि सरकार नोटबंदी के जरिए जिन ‘बड़े लोगों’ का कालाधन बाहर निकालने की बात कर रही है, वे तो बैंक और एटीएम की कतार में नहीं खड़े हैं। वे लोग तो कागजों पर भी काले धन को ‘ठिकाने’ लगा लेते हैं।































































