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इस तीन दिवसीय कार्यक्रम को 155 देशों के तीस लाख से ज्यादा लोगों ने देखा। रविशंकर की यह टिप्पणी एनजीटी द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के बाद आई है।
आपको बता दें कि पिछले साल 2016 में श्री श्री रविशंकर के इस वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन दिल्ली में यमुना के किनारे 11 से 13 मार्च के बीच आयोजित किया गया था। तीन दिन तक चले इस कार्यक्रम के समाप्ति के बाद यमुना किनारे दूर-दूर तक सिर्फ गंदगी और कूड़े के ढेर दिखाई दिए थे।
इस विशाल महोत्सव से पहुंचे पर्यावरण को नुकसान के मद्देनजर एनजीटी ने श्रीश्री रविशंकर की आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद आर्ट ऑफ लिविंग को इस जुर्माने का भुगतान करना पड़ा था।
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