उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी के बाद प्रदेश में बैंकों और एटीएम की लाइन में मरने वाले सभी लोगों के परिजन को दो-दो लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने पुराने नोट नहीं बदल पाने के कारण आत्मदाह करने वाली महिला को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के साथ ही एटीएम की लाइन में मरने वाले के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की मदद की घोषणा की है।
सीएम अखिलेश ने अलीगढ़ जिले में नोटबंदी के बाद अपने परिवार के भुखमरी के कगार पर पहुंचने के बाद बैंक से पुराने नोट नहीं बदल पाने से क्षुब्ध होकर हाल में आत्मदाह करने वाली महिला के निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुए उनके परिजन को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। अखिलेश ने प्रदेश में नोटबंदी के बाद बैंकों एवं एटीएम की कतार में नोट बदलवाने में लगे कई लोगों की मृत्यु को दुखद बताते हुए आर्थिक रुप से कमजोर सभी मृतकों के परिजनों को परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो-दो लाख रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की है।
भाषा की खबर के अनुसार, प्रदेश में ऐसे मृतकों की कोई आधिकारिक संख्या नहीं है लेकिन समाजवादजी पार्टी के मुताबिक नोटबंदी के बाद से विभिन्न कारणों से प्रदेश में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। सीएम ने कहा कि प्रदेश की जनता को अपना ही पैसा निकालने के लिए इस तरह से बैंक एवं एटीएम की लाइन में लगकर भी पैसा निकाल पाना काफी तकलीफदेह है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद अलीगढ़ जिले में रजिया नाम की एक महिला मजदूरी के बाद मिले 500-500 के छह नोट बदलवाने के लिए अपने नजदीकी बैंक में लगातार तीन दिन तक कोशिश करती रही, लेकिन नोट न बदल पाने के कारण उसने दुखी होकर खुद को आग के हवाले कर लिया। दिल्ली में इलाज के दौरान चार दिसम्बर को उसका निधन हो गया था।